Baal Krishna

अपनी करनी से सबको है छला

छवि मधुर ऐसी है तुम्हारी लल्ला

नन्हे पैरों मे बंधे घुँघरू छमकाते

पकड़ बछिया की पूछ लटकते

धुटने बल,बलदाऊ संग मिट्टी मे सरकते

झूले पर बैठ ,जैसे बालक पींगे भरते।

निर्बल बछडा जो व्याकुल हो दौड़ता

बन्धी रस्सी बल लगा छुडाना चाहता

तुम दोनो अपनाऔर जोर लगाते

बेदर्द बने उसकी पूंछ पर लटकते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *