नाम हम लेंगें जब लगातार
कभी तो आयेंगें वो थक हार!
कर ना सकेंगे वो कोई बहाना,
ना देख सकेंगे भक्त का रोना!
इसलिए ही हम पुकारते लगातार !
कुंती ने यही कृपा चाहा एक बार
कृृष्णजा रहे, हस्तिनापुर के उस पार ।
क्फफ
मेरे धीरज को तोड़ेंगे कितनी बार
An educator's life blog
नाम हम लेंगें जब लगातार
कभी तो आयेंगें वो थक हार!
कर ना सकेंगे वो कोई बहाना,
ना देख सकेंगे भक्त का रोना!
इसलिए ही हम पुकारते लगातार !
कुंती ने यही कृपा चाहा एक बार
कृृष्णजा रहे, हस्तिनापुर के उस पार ।
क्फफ
मेरे धीरज को तोड़ेंगे कितनी बार