आओ देव धन्वन्तरि को करें संतुष्ट
स्वस्थ रहे तन,विवेक हमारा हो पुष्ट !
सरस्वती का सहर्ष करें आवाह्न,
स्वतः विराजेंंगी तब लक्ष्मी कमलासन!
घर घर नित पायेगा कृपा नारायण,
पधारेंगें द्वार सिया-रघुुवर -लक्षमण!
अयोध्या बसेगी हमारे शुुभ आंगन ,
समृद्धी से होगा,आलोकित हर प्रांगण !
धनतेरस की अनेक शुभ कामना!
शमा सिन्हा
रांची
10-11-23