अस्त्र यह विपक्ष का,करता निरंंतर चित है चंचल !
धैर्य बना विद्रोही, रक्षा आपकी करता ढाल बनकर!
आपके गुणों का यह सुंदर निर्विकार सत्य चित्रण है!
महत्वपूर्ण कितना है कोई ,विपक्ष की यह घोषणा है!
अपने विवेक चिंतन से मन में करलें सहज विश्लेषण ,
तत्काल व्यक्त हो जायेगा,है सच्चा कितना सम्प्रेषण !
एक मुस्कान देकर,क्षण भर बढ़ जाये आगे अगरआप,
पायेंगे चिर शांती आप,जलायेगा विपक्ष को संताप !
उत्तम है निर्विरोधी रहना, करें ना जिह्वा का उपयोग!
विपक्ष करता सदा विरोध,आलोचना उसका स्वभाव है!