मातृ भाषा को नमन

नमन मंच को।

मुुखरित होते हैं जिससे,सबके मन के भाव।
मां सा प्यारा रिश्ता उससे ,फैलाता जग पर अपना प्रभाव !

शब्द उसी के, आवाज उसी की,कोई नही है उससे दुलारा!

जीवन के सारे अनुभवों की अभिव्यक्ति, नमन उसे है अनेक हमारा!

शुभकामनायें।🙏

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