करवाचौथ

स्नेहमय रंजित अनुपम यह है त्योहार
भरा जिस में त्याग- समर्पण- प्यार ।

पंच तत्व विकसित, दो आत्मा हैं समर्पित,
जैसे यह धरती और चंद्रमा इकदूजे को अर्पित!

कार्तिक माह के चौथे दिवस को चांदनी बिखेरता
आता चांद लेकर तारो जड़ी चमकती चुनरी!

अंंजली से पुष्प, पत्र, और जल कर अर्पण
हो जाती तृप्त नारी पाकर प्रेम सजन!

सफल हो जाता उसका पूर्ण दिवसीय व्रत त्योहार ,
करवाचौथ दे जाता स्नेहमय अटूट संबंध अपार !

शमा सिन्हा
रांची

1-11-23

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