मंच को नमन
शीर्षक-मन की आंखें
विधा-कविता
तारीख-8- 4 -24
वे होतीं हैं सबसे समझदार,
तोलती पक्ष ,दिशा आर पार!
तत्व का खोज लेती गूढ़ सार,
सक्षमता गढ़ती सत्य आकार!
स्वरचित एवं मौलिक
शमा सिन्हा
रांची।
An educator's life blog
मंच को नमन
शीर्षक-मन की आंखें
विधा-कविता
तारीख-8- 4 -24
वे होतीं हैं सबसे समझदार,
तोलती पक्ष ,दिशा आर पार!
तत्व का खोज लेती गूढ़ सार,
सक्षमता गढ़ती सत्य आकार!
स्वरचित एवं मौलिक
शमा सिन्हा
रांची।