"जय श्री हनुमान!"
जय जय जय श्री राम के प्यारे!
रूप निरख रहे पवनदेव,तुम्हारे
सबके रक्षक जनमानस दुलारे!
नज़र उतार रही, मां अंजनि तुम्हारे!
मची जन्मदिवस की धूम, द्वारे द्वारे ,
भक्ति कर तुम्हारी कोई कभी ना हारे!
भागें भूत,कभी पिशाच ना डेरा डाले
सबके संकट महावीर हनुमान टारे!
अखंड- अजित -अंजनि कुमार हमारे,
गूंज रहा यश अखंड,इनका जग में सारे!
विद्यार्थी बन, सूरज देव पर पड़े भारी,
कांधे मूंज ,कानन कुण्डल ,बल केसरी!
अर्पित चरणों में तेरे आज प्रार्थना हमारी,
तुम्हारे आवाहन का,यश गावे दुनिया सारी!
स्वरचित एवं मौलिक रचना।
शमा सिन्हा
रांची।
तिथी:२३-४-२४