हिला दिया उसने,प्रवासीय प्रशासन विधी!
लूट लिया तर्कों से अपने ब्रिटिश सरकार की गद्दी!
वह क्रमचंद-पुतली बाई का था अनोखा सपूत!
दो अक्टूबर 1869का दैवीय आनंदकोष अटूट!
वह विलक्षण बालक बना हमारा महात्मा गांधी!
अहिंसा के साथ चलाई जिस ने हिन्द राष्ट्रवाद की आंधी!
पाकर संदेश मांगा जगत ने अपना नागरिक अधिकार !
नेतृत्व में, गांधी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम चढ़ा पारावार!
बन कर दीप अनोखा ,छेड़ा राग आन्दोलन का!
सम्पूूर्ण भारत को, उन्नीस सौ सैतालिस में,दिया उपहार स्वतंत्रता का!
शमा सिन्हा
रांची।
तिथि: 30-1-24