महिला काव्य मंच रांची
तारीख -२०-१२-२४
विषय -मां/ममता
शीर्षक- मां मां तुम्हीं कहो,दूं क्या तुम्हारा परिचय
हमारी ज़िन्दगी ने लिखा तेरे नाम है हर विजय ।
रहता सजा हाथों में जिसके हैं अभयदान सदा,
देखते ही मुझको छलकती उसकी ममता!
जानती नहीं तू रात और दिन में कोई फर्क ,
छुपा है तुम्हारे आदान-प्रदान में निश्छल प्रेम अर्क!
आकांक्षाओं के ताबीर से,खुद को रखती बहुत दूर ,
हर श्वास में जिसके हैं अपने ललन- ललनाओं का नूर!
जिसकी हस्ती के आगे स्वर्ग भी होता नतमस्तक,
आज तुम्हारे चरणों में देती तेरी हर संतान दस्तक!
मेरी आंखों की रौशनी ज़बान भाषा है तुमसे!
इस जीवन की पहचान है तुम्हारे इबादत के सजदे!
साथ रहें तुम्हारे हम या बसें सात समंदर पार ,
तुम्ही हो ताकत हमारी हर तूफान की कर्णधार!
मां को शत शत नमन।
स्वरचित और मौलिक रचना।
शमा सिन्हा
रांची, झारखंड।