मंच को नमन।

तारीख 10.4.25
विषय – महावीर
विधि -कविता
शीर्षक -“वर्धमान स महावीर”

महावीर ने बनाया  कीर्तिमान बिहार को।
आये पवित्र करने इस पवित्र भूमि को।।

माता त्रीशला ने देखे अनेक शुभ स्वप्न।
ऊची हुई भविष्य वाणी,होगा समाज सम्पन्न।

बरसा  सौभाग्य  असीम पिता सिद्धार्थ के मन।
अंक सजा जब”कैवल्य” ज्ञानी वर्द्धमान का तन।।

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ महावीर का जन्म।
आये करने को पवित्र देवभूमि वैशाली का कर्म।।

वर्ष २५००ईसा पूर्व विधी ने रचाई नई विधा।
जुटी स्वर्ग की ५६ देवियां करने को माता की सेवा।।

रास ना आया उस बालक को महलों की सम्पन्नता।
त्याग सांसारिक सारा ऐश्वर्य
लेली उसने दीक्षा।।

अहिंसा, करूणा ब्रह्मचर्य अनेक दिव्य सिद्धांत फैलाये।
देकर  दीक्षा, गौतम, सुधर्म और व्यक्त को, महावीर कहलाये।।

कितने ही उर्जावान कथाएं आज भी प्रेरित हमें हैं करती।
भटके हुए समाज को मोक्षकारी “अगम सूत्र” है देती ।।

स्वरचित एवं मौलिक रचना।

शमा सिन्हा
रांची, झारखंड।

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