कुछ अलफाज

बहस में हार मान लेना ही औरों का मन जीतने कारहस्य है। … Continue reading »कुछ अलफाज

जिन्दगी , असीम खुशी का सपना है

हाथों को हाथ से, दिल को दिल के पोर

कौन किससे है बडा भूलकर , इकबार

बस चुपके से लेना-देना सीख ल़ेंना है

कदमों तले रुंद , अहम् को मिटा जीना है

सब सदा चाहते है अपने को ही जिताना

जीतता तो है वही जो जानता है हारना।

विचार मन मे सबके होते है अलग अलग ,

अपेक्षाये भी होती सबकी बहुत फ़र्क ।

कह सकता कोई कैसे,जो है आप चाहते,

और वह चाहता ,क्याआप ही कह सकते?

स्वीकार ले सहजता से विचार ग़र उसके,

आप ही होंगे फिरअपनों मे अपने सबके।

शमा सिन्हा

18-1-2021

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