Kadam jab udthe hain

कदम जब भी उढते है, और रास्ते पर लोग दीखते हैं। जाने क्यों, भ्रम सा हो जाता है, उम्मीद से, आंखें आगे तकने लगती। न चाहते, ख्वाहिश सी जाग जाती है। फिर से बरबस, ईक बेचैनी छाती है। गुजरते काफिले में ढूंढने लगती हैं, आस संजोए दो खुली पुतलियाँ, खो गए अचानक जो, उन्हीं को! बिडम्बना, होठों को सीलती है। रौशनी को, बदली ढाक जाती है। आकांक्षा बरबस शीथिल होती हैं। आस को, वह फिर से समझाती है। उतना ही सच मानो, जितना तुम्हे हुआ हासिल, वक्त के पहले और हक से ज्यादा, नहीं मिलता कोई साथ। सपनों को उम्मीद … Continue reading »Kadam jab udthe hain

CONTEMPORARY

If you have nderstood your child’s need,you have won For once gone her childhood will not return Time’s forward flow retreats not back ever Marks of its course intensely haunt later focus not on goals that would have been reachable Rather think about her time that is not returnable As a parent read reactions, feel her needs Today she reacts tomorrow she will not plead, Changes numerous occur as body grows Mind seeks expression, changed approaches rows Count not promotion, measure not achievement For the child’s health and heart talk of bereavement Timely not received from parents presence around It … Continue reading »CONTEMPORARY

रे मन

रे मन,तू ही तो है इक मेरा है अपनातुझमें बसे कान्हा, अनमोल जीवन का सपना! सुनता है इक तू ही तो,अनबोले मेरे बैन,रक्षित तुझमें, मेरे हर भाव, विलक्षण तेरे नयन! बन कर मीत अनन्य, करता है नित नूतन बात,सहलाते सद्भाव जैसे तेरे मीठे हाथ! रिक्त मेरे हर पल को मधु-कल्पना से है भरता,नव पथ पर सम्भल कर,चलना तू सिखाता। नश्तर जब करते आहत तो बन साथी सहलाता,दुखते हृदय तारों को,कोमल राग सुनाता । रिसते कितने घावों को तूने है सम्भाला,मोहन की बंसी बन, जीवन में अमृत है घोला। उमड़ती बेचैनी को,धैर्य सेतूने ही तो है धो डाला,लिख नई कलम से … Continue reading »रे मन

THE TWIN PEARLS

With loving good wishesto Deepthy and Puja, “THE TWIN OYSTER PEARLS “ On shore extreme, eyes held a glitter far, While waves roared as drums in war! Clouds in heaven with drops loudly roll, yet could not hurt, treading oyster ‘s soul! My fingers, its edges had hardly traced, Softly nimble feet did faster paced! Lo,what dainty creature restful lay there! Pastel pink,a crescent oyster, in white layer! Its whisper soft,then touched my ear, An amazing song of cuddled Pearls in pair! HIS choicest love ever,on your art graciously move; Blessing you both harmonious Pearls in a loop! Your efforts … Continue reading »THE TWIN PEARLS

पाई को सबसे हैपी वाला बर्थ डे!

OumA very happy birthday to you, Pai! जीवन में जन्मदिन का वजूद विशाल होता है एक दिन ही सही, सागर -सौभाग्य बरसाता है। ज़रूरी नही ,मजलिस लगे,दावतों का हो सिलसिला! पता नही फिर भीक्यों इस दिन बढ़ जाती है उमंगे-हौसला? यह कोई नई बात नही, बचपन से रहा इसका दबदबा ! स्वास्थ्य-सन्तुष्टी-आशीर्वाद का हो साकार यह फलसफा याद है वह दिन सूर्योदय से ही खुशहाली रहती थी छाई उपहार की फर्माइश के पीछे कितनी साजिशें थी होती ! फेहरिस्त की गुफ़्तगू सुबह शाम सखिया बतियाती थीं। कौन क्या देगा,कई दिन से यही अंदाज लगाते थे! मन ही मन अनमोल उपहारों … Continue reading »पाई को सबसे हैपी वाला बर्थ डे!

All ‘s gone!

Nothing changes, wishes no more are born, The Sun sets in eve that which brightened dawn; I wonder wherefore life’s emptiness is born ! A meteor pierced,all was smashed and torn! I knew not of its value,I cared not of his presence , Today when he is gone,all has changed to pence! That was abuzz with gaiety sound and actions Second hour days and all are spent in fractions!

“क्यो कहूं?”

क्यों कहूं मै थक गई गति ही जब प्रकृति है। ठहरता नही कहीं रास्ता, चलना ही उसकी रूचि है। क्यों कहू अब मै हार गई श्रम ही श्रृष्टी की है प्रकृति। चलती रहती निरत हवा है, बाधा छोड बस दिशा बदलती! क्यो कहूं,मेरी आस छूट रही, जब श्वास डोर से है बंधी वहीं। पुनः पूर्व उगताअस्ताचल गामी , नित देता संदेश,”जीवन क्रम है यही!” क्यो न कहूं मैं भीअब देखती वही, सजे मोरपंख माधव शीश सीधे ही। सीधे ही होते वे वृक्ष विशाल सभी, नभ पार,चरणों में रहती दृष्टि जिनकी!

कभी रुक जाओ!

कभी सब छोड़कर, बिना वजह आराम करना अच्छा लगता है छोड़ ढीला हाथ पैर बिना कारण छत ताकना अच्छा लगता है होते ऐसे पल,देखने को घड़ी, एक बार भी मन नही करता है। गूंज रहा होता घर,होते बच्चे पास या कोई होती व्यस्तता बस एक ही बात चित में अक्सर भर देती है अथक तत्परता बना लें नियम ऐसा कि निरर्थक सोचने के लिए समय न होता सोचने का मौका न मिलता ,थकने की बात न होती। जूझती रहा दिनचर्या से तो फिर कोई विचार नही आता मन मे शिकायत नही , ऊर्जावान हवा का आयात होता!

Help me walk

It is dark,Road not visible Tired is soul, tredding not possible! Wherever you direct, in humility Make it a lovable fond activity ; Sink me deep into your thoughts Fill in my breathing as you instruct! Let prospects be filling in accordance will and service to humans with patience