अर्णव को जन्मदिन की बधाई

Oumहमारे अर्णव को जन्मदिन की ढेरों बधाई!🥰💐🥮🌻🍡 “आनंदित रहो तुम, सर्वदा होवे वर्षा स्वास्थ्य और संतुष्टी की, उपलब्धियां तुम्हारी बने विस्तृत, आकाश के परिमाण सी! चिरंजीवी भवः!आयुष्मान भवः पुरुषार्थी भवः!यशस्वी जैसे पाट- पयोधी ! स्वमान बने सम्मान तुम्हारा,रहे अटल रघुवर कमान सी! कुल-कुलीन के तुम भविष्य रचयिता ,पाओ अनंत कृपा ईश-आशीष की, प्रेम-शान्ति-सत् ऐश्वर्य जीवन, सुख-सूत्र बने मधुर गीतांजली सी! अर्णव, सबसे तुम प्रिय हमारे ,शक्ति संचरित प्रातःकालीन रवि- प्रभात ज्योति! चिरंतन- सुसंस्कृत-निर्मल-ऐश्वर्यमय जीवन हो!अग्रज और अनुज दे रहे तुम्हें शुभकामना यही।” A very happy birthday to you, Arnav!🥰🌺🌸🌻💐🥰 समस्थ सहिआरा परिवार26-5-22

When You Smile

I see you smiling, morn and night In blooming hibiscus , jasmine white, What a miracle, mesmerizing charm! Your beauty enchanting ,love so warm! Like microphones fitted on branches Look there a singing morning bird perches There are no locks ,gardens for them are open None are checked if they are bathed or sloven, Grasses freely grow ,their farmers are unknown. From brown Earth ,lavishly green they are strewn On brown stumps grow blooms pastel lacy Winged creatures only know of hidden nectar juicy ⁸ Each creation is of varied multiple color Swaying heads in breeze with fragrant ferver Bewildered … Continue reading »When You Smile

हे वृक्ष अशोक!

हे अशोक, मैने खड़ा कर दिया है तुझे बना प्रहरी उसी उम्मीद से जिससे राम की जानकी थी जुड़ी। जब था न सुरक्षा में उसके कोई देव- मानव अपना सजे थे तब तुम्ही बनकर उसके लिए कवच गहना मन मे आस्था-चिंतन रघुवीर की करती रहती सदा, बना तुम्हे साक्षी, काटती रही काल की प्रलय विपदा। द्वन्द पीड़ित सोचती रहती,”है रावण की रण-युद् कला !” राम नाम के तीर से रहा था उसने ,अपना पाषाण किला! अधीरता से करती रहती निरंतर वह यही कामना, शीघ्र उसके राम आयें,हो पूर्ण उसका मिलन सपना! तुमने दिया जानकी के संतप्त हृदय को तुमने ढाढस … Continue reading »हे वृक्ष अशोक!

“जब चोरी पकड़ी गई!”

तुम ,मुझसे छुपकर थे खड़े हुए, कलियों का सा झिझक ओढ़े हुये। मै पौधों मे पानी डाल रही थी चतुराई तुम्हारी निहार रही थी। तुम्हे, पहले मैं पहचान ना पाई लगा,लटकी है कोई कली मुरझाई जागी उत्सुकता, सोचा सूखी पंखुड़ि गिरा दूं, झुकी डाली को धोकर कुछ चमका दूं । चौक गई मै हाथ बढ़ा कर हौले से स्पर्श जो किया, मखमली मीठी हसीं में कोमलता ने अट्टहास किया! “अभी नही भुरझाई ,अभी तो बन ही रही कली नवेली कल आना देखने मुझको, लाउंगी नायाब सुर्ख लाली! तन मन सब रंग डालूंगी, बूझाउंगी कुछ ऐसी पहेली! बाकी के सब रंग … Continue reading »“जब चोरी पकड़ी गई!”

कौन तुम्हें पानी देगा?

अचम्भित हू घटनाक्रम की कडियों से क्या होगा कल,जब चली जाउंगी यहां से प्रश्न बडा कंटीला,रंगता मन को गहरा ग्लान विचारों के भवर में जैसे फंसा हुआ है प्राण! कौन तुम्हारे भूख प्यास का रखेगा ध्यान ? कौन तुम्हारे मुरझाने पर करेगा अश्रु पान? दूर रहूंगी तुमसे,ले न सकूंगी तुम्हारा हाल , हर पल तेरी सूरत का करती रहूँगी ख्याल ! रह कर दूर तुमसे,मिलता नही मुझे सकून, मन विचलित हो जाता है,तेरा नाम सुन! अकेलापन सताता मुझको,याद बच्चों की आती तब अचानक लौटने को,मन मेरा है करता। क्या कहू कैसे सुलझा,विकट बनी है पहेली, तुझे सुनाती हूं,तूही तो है … Continue reading »कौन तुम्हें पानी देगा?

ऐ पाखी!

रखा है तेरे लिए, दाना और सकोरे मे,मैंने पानीचुग लेनाआकर,दो बूंद सही पी लेना गौरैया रानी! मुझे तो कुछ नही दीखता,तू क्या है चुगती?चंचल ढूढ़ती आखों से, तू जाने क्या है खोजती। चू चू ,ची ची,कुहुक कुहुक कर नित नौ राग सुनातीअगर मै जो समझ लेती,संग तेरे बहुत बतियाती। होता कितना समय मनोरम,तुम और मै बातें लम्बी करतीं ,तुम अपनी उड़ान,मै कथा पुरानी कहती,हम कितनाहसतीं! तू दे देती दो पंख अपने जो,तेरे ही संग मै भी उड़ चलती!ऊंचे पहाड़,बादल बीच ,फूलों के बाग, सब देख हम आतीं! सच मानो,रोज सुबह, बाट तेरी ब्याकुल हो,हूं जोहती,तेरी मीठी बोली सुन,किसलयों में, तुझे … Continue reading »ऐ पाखी!

Commanding spell

O dainties fallen, only ye know that truth,You are so wise,most unscared soothe! Deep is the extent of your knowledge span,Multiple measures than this proclaimed MAN! Embarked with patience, ye cry not or shed tears!Your colorful spreads joyous symphony tears! Unlike Man,you groan not everLonesome on roadside you smile in full fervor Your silent footstep echo musings on mountains clear!Woods hum lore, in every corner you venture ! Hand in hand with harmonious nature!A peep can tell volumes of your smile ever! Ye sit there blushing in a hidden corner!A sight !A wonder falls with passions of desire , Brightly … Continue reading »Commanding spell

Baal Krishna

अपनी करनी से सबको है छला छवि मधुर ऐसी है तुम्हारी लल्ला नन्हे पैरों मे बंधे घुँघरू छमकाते पकड़ बछिया की पूछ लटकते धुटने बल,बलदाऊ संग मिट्टी मे सरकते झूले पर बैठ ,जैसे बालक पींगे भरते। निर्बल बछडा जो व्याकुल हो दौड़ता बन्धी रस्सी बल लगा छुडाना चाहता तुम दोनो अपनाऔर जोर लगाते बेदर्द बने उसकी पूंछ पर लटकते।

कश्मकश

ये मन बडा ढीठ है,प्रकृति का कोई बात कभी नही मानता। ज्ञान की पोथी पढ़ बैठ जाता है सारे मसले सुलझाना चाहता है । तथ्य जान लेने से निदान नही मिलता बहुत छिपा है जीवन तथ्यसार में! कर्म-भोग एक बार मे नही होता खत्म , कई कड़ि जुटी रहती लगातार ,साथ में। प्र्यास की दौड़ में,जिन्दगी होती खत्म , आदमी समझता है मंजिल आ गई सांस रोक कर जीव सुस्ताते है सब नई गोद में क्रंदन से शुरू करने को सफर!

“कहो न तुम हो अकेले!”

“कहो न तुम हो अकेले!” कभी कहो नहीं तुम हो बिलकुल अकेले तुम न बुलाओ फिर भी वह साथ सदा हो लेते हो जिनके तुम अंश, वही तुम्हारी प्रियांश उनके अस्तित्व को मारो ना दुख दंश! आना जाना मिलना जुलना सब है एक खेल। प्रेम -विलाप बनता रंगों का, इंद्रधनुष बेमेल। तत्व वही एक है ,वही एक है चेतन शक्ति स्वीकारो एक उसी को शेष है निरर्थक आसक्ति! कहो किसी ने क्यों तुम्हें है सुख का भाव दिया? फिर अचानक सम्बन्ध मधुर क्यों उससे बन गया? कभी बिना कारण मन बैरी बन दिन-रात व्यस्त हुआ, पिछले यात्रा का हिसाब समझ … Continue reading »“कहो न तुम हो अकेले!”